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बीईओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ने की कार्यवाही की अनुशंसा
– आशु दुबे, रहली सागर (म.प्र.)
रहली/सागर। अनुसूचित जाति वर्ग की छात्राओं को सुरक्षित आवास एवं भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संचालित सरकारी छात्रावासों की वास्तविकता कुछ और ही बयां कर रही है। रहली ब्लॉक स्थित अनुसूचित जाति सीनियर कन्या छात्रावास में गंभीर लापरवाही व शोषण जैसी शिकायतें सामने आई हैं।
छात्राओं की शिकायतों पर एसडीएम कुलदीप परासर के निर्देश अनुसार ब्लॉक शिक्षा अधिकारी स्वाति दुबे ने हाल ही में छात्रावास का निरीक्षण किया। निरीक्षण रिपोर्ट में भोजन, सुरक्षा एवं अनुशासन से जुड़ी कई अनियमितताएं उजागर हुईं।
छात्राओं ने जांच अधिकारियों को बताया कि—
भरपेट भोजन उपलब्ध नहीं कराया जाता, न ही चाय-नाश्ता दिया जाता है
सुबह-शाम केवल चार रोटी एवं पानी जैसी दाल/सब्जी दी जाती है
उन्हें परिजनों से मिलने नहीं दिया जाता
परिसर में विदेशी नस्ल का कुत्ता रखा गया है, जिससे डर का माहौल
स्कूल जाने से पहले और बाद में जबरन काम कराया जाता है
जांच में यह भी उजागर हुआ कि छात्रावास में पदस्थ अधीक्षिका रीता मेकलेन का करीब 30 वर्षों से स्थानांतरण नहीं हुआ है और वे परिवार सहित छात्रावास परिसर में ही निवास कर रही हैं। मुख्य गेट पर “कुत्तों से सावधान” और “मीडिया प्रवेश निषेध” जैसे बोर्ड भी लगे पाए गए।
सूत्रों के अनुसार, अधीक्षिका पर धर्म परिवर्तन और धार्मिक प्रार्थना कराने के आरोप पहले भी लग चुके हैं। कुछ वर्ष पूर्व नई अधीक्षिका की पोस्टिंग होने के बावजूद उन्हें जॉइनिंग नहीं करने दी गई थी।
बीईओ द्वारा सौंपे गए जांच प्रतिवेदन के आधार पर एसडीएम ने संबंधित विभाग को अधीक्षिका के विरुद्ध कार्यवाही हेतु पत्र भेज दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे उच्चस्तरीय जांच की संभावना भी जताई जा रही है।
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