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सागर। मरणोपरांत नेत्रदान मानवता की एक ऐसी अनुपम सेवा है, जिसके माध्यम से दो दृष्टिहीन व्यक्तियों की जिंदगी में दोबारा प्रकाश लौटाया जा सकता है। जिन लोगों की दृष्टि बीमारी, दुर्घटना या चोट के कारण नष्ट हो जाती है, उन्हें कोर्निया प्रत्यारोपण के माध्यम से नए सपनों को देखने का मौका मिलता है। यह एक पूर्णतः स्वैच्छिक प्रक्रिया है, जिसे मृत्यु के 4–6 घंटे के भीतर सम्पन्न किया जाता है।
सागर शहर में भी इसका एक प्रेरक उदाहरण स्व. श्री लद्दाराम साजिका (72 वर्ष), निवासी सुभाष नगर वार्ड, सिंधी कैंप के रूप में सामने आया। शुक्रवार की रात लगभग 10:30 बजे उनके निधन के तुरंत बाद, पोते श्री दीपक साजिका द्वारा नेत्रदान हेतु सूचना दी गई। दिवंगत ने जीवनकाल में ही नेत्रदान की इच्छा जताई थी, जिसे परिवार ने पूर्ण सम्मान के साथ पूरा किया। परिजनों—पुत्र मनोज, राजकुमार, पुत्री श्रीमती शोभा एवं अन्य सदस्यों ने इस संकल्प को साकार किया।
सूचना मिलते ही बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज, सागर की आई बैंक टीम ने त्वरित कार्रवाई की। डॉ. अंजलि वीरानी पटेल (सहायक प्राध्यापक) के समन्वय एवं आई बैंक इंचार्ज सह-प्राध्यापक, डॉ. सारिका चौहान के मार्गदर्शन में टीम दिवंगत के घर पहुँची। परिजनों की लिखित सहमति के बाद चिकित्सीय मानकों के अनुसार कोर्निया सुरक्षित रूप से निकालकर आई बैंक में संरक्षित किए गए।
बीएमसी सागर के डीन, प्रो. डॉ. पी. एस. ठाकुर ने कहा—
“नेत्रदान मानवता की सर्वोच्च सेवा है। स्व. श्री लद्दाराम साजिका एवं उनका परिवार समाज के लिए प्रेरक उदाहरण है। प्रत्येक नागरिक को इस पुनीत कार्य में आगे आना चाहिए।”
इस अवसर पर मीडिया प्रभारी डॉ. सौरभ जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि दिवंगत के पुत्र श्री राजकुमार साजिका डॉ. अंजलि वीरानी पटेल के प्रेरक उद्बोधन से प्रभावित होकर इस निर्णय पर आगे आए।
उन्होंने कहा—
“बीते मंगलवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में डॉ. अंजलि द्वारा नेत्रदान पर दिए गए विचारों ने पूरे समाज को प्रेरित किया। यह हमारे पिता की इच्छा और समाज सेवा का सम्मान है।”
नेत्र रोग विभागाध्यक्ष, डॉ. प्रवीण खरे ने परिवार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे दो लोगों को नई दृष्टि प्राप्त होगी।
यह भी महत्वपूर्ण है कि बीएमसी सागर की आई बैंक में कोर्निया प्रत्यारोपण की सुविधा पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध है। नेत्रदान से दो परिवारों में खुशियाँ लौटाई जा सकती हैं, इसलिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को आगे आने का आह्वान किया गया है।
आई बैंक टीम में —
डॉ. पूजा, डॉ. मोदी, डॉ. अजय, डॉ. रक्षित सहित नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ सक्रिय रहा।
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